ग्राम गुमगरा कलां में इस वर्ष दशहरे का पर्व पूरे हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। गांव के विशाल मैदान में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में हजारों ग्रामीण, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग एकत्र हुए। इस भव्य अवसर पर अहिर युवा शक्ति की टीम ने अपनी सक्रिय और अनुशासित उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे पूरे आयोजन की शोभा और भी बढ़ गई।
अहिर युवा शक्ति लगातार सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों में अपनी भूमिका निभाती रही है। इस बार भी टीम के सदस्य अमृत यादव, हरि शंकर यादव, मनमोहन यादव, रोरी यादव, उग्रसेन यादव, नरेंद्र यादव, विवेक यादव, सुमन यादव, गणेश यादव, सुदीप यादव, कमलेश यादव, निलेश यादव और दिनेश (पप्पू) यादव सहित कई अन्य युवा साथी कार्यक्रम में मौजूद रहे। इन सभी ने अपनी एकजुटता और संगठन की शक्ति का परिचय दिया।
गांववासियों ने टीम की उपस्थिति का स्वागत करते हुए कहा कि अहिर युवा शक्ति जैसे संगठनों की सक्रियता से युवाओं में सामाजिक चेतना जागृत होती है और वे अपनी संस्कृति से जुड़े रहते हैं। इस अवसर पर टीम के सदस्यों ने भीड़ व्यवस्था, सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रावण दहन का क्षण जैसे ही आया, पुतले में अग्नि दी गई और पूरा वातावरण जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। इस बीच पटाखों और आतिशबाजी ने पूरे माहौल को रोमांचक बना दिया। टीम के सदस्यों ने इसे अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक बताते हुए कहा कि हमें अपने जीवन में भी बुराइयों को त्यागकर सत्य और साहस की राह अपनानी चाहिए।
अहीर युवा शक्ति ने फोटो किया साझा
इस मौके पर टीम की सामूहिक तस्वीर भी खींची गई, जिसमें अमृत यादव, हरि शंकर यादव, रोरी यादव, सुदीप यादव, मनमोहन यादव और गणेश यादव शामिल थे। इस फोटो को बाद में समाज में साझा किया गया, जिसे देखकर ग्रामीणों में गर्व और उत्साह की लहर दौड़ गई।
स्थानीय वक्ताओं ने भी अहिर युवा शक्ति की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब समाज के युवा संगठित होकर कार्य करते हैं, तो उनका प्रभाव दूरगामी होता है। उन्होंने संगठन को भविष्य में भी शिक्षा, जागरूकता और समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहने की प्रेरणा दी।
वरिष्ठ नागरिकों का कहना था कि संगठन की यह सक्रियता गांव के बच्चों और अन्य युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। इससे नई पीढ़ी अपनी जड़ों और संस्कृति से जुड़ी रहेगी।
अंततः यह स्पष्ट हो गया कि ग्राम गुमगरा कलां का रावण दहन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं रहा, बल्कि यह समाज की एकजुटता, संस्कृति और परंपरा का संगम बन गया। अहिर युवा शक्ति की पूरी टीम ने इस आयोजन को यादगार बना दिया और यह संदेश दिया कि बुराई पर अच्छाई की जीत तभी संभव है, जब हम सभी मिलकर समाज और संस्कृति की रक्षा करें।
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